Tuesday, June 16, 2009

हम



हम

नींद तो चाहते हैं

लेकिन थकना नहीं

साथ तो चाहते हैं

हाथ देना नहीं

कैसा समय है?

जब हम

सफल होना चाहते हैं

सार्थक नहीं !

2 comments:

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत सुन्दर भाव।बधाई।

ओम आर्य said...

shaayad yah aaj ka pyar hai .....behad bhawmay kawita