Sunday, April 19, 2009
किराए का घर
किराए के घर में रहकर भी
मैं उसे अपना ही मानती हूँ
चार दीवारों की कीमत चुका देने से
घर का ओहदा घट तो नहीं जाता।
हम इसके भीतर वही सब करते हैं
जो शायद
“अपने घर” में भी करते।
अपनी गृहस्थी की अनुभवों से
बड़ी बहन बहुत से हवाले देकर
अक्सर समझाती है
किराए के घर को अपना घर न समझो
उसके रखरखाव पर मत बर्बाद करो
मेहनत की गाढ़ी कमाई
तब मैं देखती हूँ
अपने घर की दीवारों को
जो मुस्कुरा देती हैं ऐसे
जैसे मायके में अपमानित हुई बेटी।
Monday, April 6, 2009
बड़ा मुश्किल है
मुझे मिल तो गया है
आज के समय का कल्पवृक्ष
पर उसे सींचना, पालना
बड़ा मुश्किल है।
आज के समय का कल्पवृक्ष
पर उसे सींचना, पालना
बड़ा मुश्किल है।
जब तुम साथ होते हो
जब तुम साथ होते हो
तो ‘हम-तुम’ के अलावा
सारी गृहस्थी विषय में बतियाती हूँ
तुम्हारे न होने पर
तुम्हारे सिवा कुछ नहीं होता
किसी से भी बतियाने के लिए
तुम्हारे जिन विचारों पर
उलझ जाती हूँ तुमसे
उनमें दुनियादारी को शामिल करने के लिए
तुम्हारी अनुपस्थिति में
मेरे विचारों पर तुम्हारे वही विचार
अपना आधिपत्य जमा लेते हैं
न जाने कैसे, क्यों
मैं तुम्हें अपने ही भीतर पाती हूँ
जब तुम साथ नहीं होते।
तो ‘हम-तुम’ के अलावा
सारी गृहस्थी विषय में बतियाती हूँ
तुम्हारे न होने पर
तुम्हारे सिवा कुछ नहीं होता
किसी से भी बतियाने के लिए
तुम्हारे जिन विचारों पर
उलझ जाती हूँ तुमसे
उनमें दुनियादारी को शामिल करने के लिए
तुम्हारी अनुपस्थिति में
मेरे विचारों पर तुम्हारे वही विचार
अपना आधिपत्य जमा लेते हैं
न जाने कैसे, क्यों
मैं तुम्हें अपने ही भीतर पाती हूँ
जब तुम साथ नहीं होते।
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