माँ से पहले मैं
न तत्व थी
न अस्तित्व था
न जान थी
न जीवन था
माँ ने दिया सब कुछ मुझे
हे माँ अपर्ण हर पल तुम्हें
जीवन में आने से पहले
माँ ने मुझे अपना गर्भ दिया
जीवन में आने पर मुझे
अपने तन से भोजन दिया
जीवन का हर एक पल
आपके कर्ज में डूबा हुआ
जीवन का हर पल आपके
प्यार से सींचा हुआ
महिमा कभी न जान सकूँ
शायद आपके रूप की
भूख मेरी बढ़ रही प्रत्येक पल
आपके साथ व स्नेह की !!!
-------------रचनाकार : चेतना शर्मा