स्वार्थी हूँ
यह जानती हूँ!
इसलिए
कि तुम गलत न हो सको
मुझे एक और बार
होना पड़ेगा स्वार्थी.
इसलिए
कि तुम कह सको
तुमने मुझे जाना था सही
मुझे एक और बार
होना पड़ेगा स्वार्थी.
इसलिए
कि फिर तुम्हारी जुबाँ
न गुनहगार हो
न हो सिर लज्जित...
मुझे होना पड़ेगा स्वार्थी!
2 comments:
haan yahi to pyar hai !!
स्वार्थी तो हर इंसान होता है। फर्क यह होता कोई कह देता है, कोई छुपा लेता है। अच्छी कविता।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
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