पहाड़ के सूनेपन को बाँटने के लिए
उग आया है एक नन्हा पौधा
पहाड़ पर दोनों करेंगे खूब सारी बातें
सबसे
पर जब खत्म हो जायेंगी
दोनों की ढेर सारी बातें भी
तो दोनों ही हो जायेंगे
अकेले, उदास गुमसुम पहाड़ की तरह
फिर से
यह तो तय ही है तय ही था
क्योंकि हर एक को बाँटना होगा
अपना अकेलापन अपने ही आप से.
6 comments:
क्योंकि हर एक को बाँटना होगा
अपना अकेलापन अपने ही आप से.
सही बात .सबको अपना अकेलापन ख़ुद ही तय करना होगा .सुंदर
वाह....बेहद खूबसरत....लाजवाब....
bhut sundar. kaha ka pahad hai.
क्योंकि हर एक को बाँटना होगा
अपना अकेलापन अपने ही आप से.
वाह--सुंदर!!
बहुत बढिया!!
क्योंकि हर एक को बाँटना होगा
अपना अकेलापन अपने ही आप से.
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PANKAJ SHARMA
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