सुन्दर भावों को बखूबी शब्द जिस खूबसूरती से तराशा है। काबिले तारीफ है।
सावधानी बुद्घिमत्ता की सबसे बड़ी सन्तान है ।
नेक खयाल हैसामान्य के बीच रहकर ही तो आत्मीयता अर्जित की जा सकती हैबहुत खूबसूरत रचना
BAHUT KHUB BADHAI IS KE LIYE AAP KO SHEKHAR KUMAWAT
khoobsurat rachna.
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5 comments:
सुन्दर भावों को बखूबी शब्द जिस खूबसूरती से तराशा है। काबिले तारीफ है।
सावधानी बुद्घिमत्ता की सबसे बड़ी सन्तान है ।
नेक खयाल है
सामान्य के बीच रहकर ही तो आत्मीयता अर्जित की जा सकती है
बहुत खूबसूरत रचना
BAHUT KHUB
BADHAI IS KE LIYE AAP KO
SHEKHAR KUMAWAT
khoobsurat rachna.
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