Thursday, July 2, 2009

ये रातें करे बातें


ये रातें करे बातें

चले आओ

ये हवाएँ दे दुआएँ

चले आओ

ये इंतज़ार करे बेज़ार

चले आओ

ये मौसम करे हमदम

चले आओ!

7 comments:

M Verma said...

very nicely said poem in minimum words.
very fine

अविनाश वाचस्पति said...

शब्‍दों में उकेरे गए
भावनाओं के सहज
सरल मनमोही चित्र।

निर्मला कपिला said...

बहुत खूबसूरत भाव अभिव्यक्ति है बधाई

ओम आर्य said...

kabhi kabhi kisi kisi pal ka bahut hi besabtri se intajar rahata hai .................bahut sundar

MANVINDER BHIMBER said...

बहुत अच्छी रचना है.
कुछ पंक्तियों में सब कुछ
कह देना आसान नहीं होता.
ज़िन्दगी का कुल फलसफा
आपने इस रचना में कह दिया.
बहुत बधाई.

PREETI BARTHWAL said...

सुन्दर

cartoonist anurag said...

photo aour aapki rachna dono shandar hai....badhai....