Thursday, June 19, 2008

चेहरा










भिखारियों के नाम नहीं होते

होते हैं सिर्फ चेहरे,

चेहरा लंगड़े का, लूले का,

चेहरा भूखे काले नंगे बच्चे का,

चेहरा सूखी छाती से चिपकाये

माँ और उसके लाल का,

चेहरा बूढ़े क्षीणकाय का,

चेहरा सर्दी में फटे चीथड़ों के बीच

ठिठुरती बुढ़िया का,

चेहरा हाथ पैर तोड़कर

भिखारी बना दी गई गुड़िया का,

भिखारी सिर्फ चेहरा है?

जो टकराते ही

हाथ जेब में जाता है.
------------------------- * अपराजिता *

4 comments:

डॉ .अनुराग said...

सब कुछ बदल गया है......मुफलिसी तेरा चेहरा वही है...

Udan Tashtari said...

बहुत भावपूर्ण रचना. लिखते रहें.

Anonymous said...

kya baat kah di hai solah aane sach

Anonymous said...

bhut hi bhavuk rachana. likhate rhe.