सायास नहीं
अनायास की जाए तो
ज़्यादा सुंदर होती हैं.
बातें
लफ़्ज़ों से नहीं
आँखों से की जाए तो
ज़्यादा मार्मिक होती हैं.
बातें
हिचक से परे
हृदय के उच्छवास से आये तो
ज़्यादा स्थान लेती हैं.
बातें
क्षणिक प्रतिक्रिया से नहीं
स्वप्न के आशियाने में सजे तो
ज़्यादा उम्र पाती हैं.
इसतरह बातें
भरती है
जीवन में अर्थ
और
रचती हैं
संबंधों की गरिमा
अनवरत ....
8 comments:
बहुत सुन्दर सार निकाला है।
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति।
अच्छी बातें.
बातो ही बातों में एक सुन्दर कविता बन गई है.. रिश्तों की पहचान कराती कविता नाजुक सी कविता लगी...
bahut sahi baat hai. bahut khoobsurat kavita.
.
.
.
Shilpa
bahut sargarbhit bate kah dee aapne bato ke bare me,
Everything is very open and very clear explanation of topic.
bahut khoobsurat
Post a Comment