कड़ाके की सर्दी में
मैं तुम्हें याद करती हूँ
तुम्हारी हरी वाली जैकेट के साथ
जिसकी मुलायम गर्म जेबों में
अपने हाथ ठूँसकर बैठना
कितना अच्छा लगता है…
मैं तुम्हें याद करती हूँ
तुम्हारे फॅर वाले
ब्राउन स्वेटर के साथ
जिसका मखमली अहसास
तुम्हारे पास सरक आने को
कितना ललचाता है…
कड़ाके की सर्दी में
तुम बहुत याद आते हो.
1 comment:
कड़ाके की सर्दी में
मैं तुम्हें याद करती हूँ
तुम्हारी हरी वाली जैकेट के साथ
जिसकी मुलायम गर्म जेबों में
अपने हाथ ठूँसकर बैठना
कितना अच्छा लगता है…
मैं तुम्हें याद करती हूँ
प्यारी सी कविता।
Post a Comment