बस स्टैंड पर बैठी लड़की कि नज़र
डूबते सूरज कि लालिमा पर पड़ी और उसकी आँखे चमक उठी
उसने तुरंत उस बेहद दिलकश नज़ारे को साझा करने के लिए
बगल ही में बैठे प्रेमी से कहा
देखो मुझे उसमे तुम ही दिख रहे हो.....
तुम्हारा नाम आसमान कि लाल बिंदी बन गया है......
प्रेमी ने उसकी उत्सुक आँखों में डूबते हुए
हिंदी फिल्म के गाने कि एक लाइन दोहराई
''तेरे चेहरे से नज़र नहीं--
हटती नज़ारे हम क्या देखें''....
लड़की समझी बस दुनिया इसी एक पंक्ति में सिमट आई है ......
समय के घूमते पहिये पर एक शाम ऐसी भी आई
जब उसी लड़की ने डूबते सूरज को देख प्रेमी को देखा
और उसने कहा......
क्या ?
कुछ कहना चाहती हो ?