tag:blogger.com,1999:blog-5033566294606383407.post8707788051498653745..comments2023-09-28T13:13:03.741+05:30Comments on Chashmebaddoor: मेरा शोरअपराजिता 'अलबेली'http://www.blogger.com/profile/06690262045611097841noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-5033566294606383407.post-66126214217199364962008-07-01T23:22:00.000+05:302008-07-01T23:22:00.000+05:30सुन्दर भावाव्यक्ति. अच्छी रचना. बधाई.सुन्दर भावाव्यक्ति. अच्छी रचना. बधाई.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5033566294606383407.post-48688860139694680422008-07-01T17:05:00.000+05:302008-07-01T17:05:00.000+05:30मेरी कविता पसंद की.आप सबको धन्यवाद यूं ही हमेशा अप...मेरी कविता पसंद की.<BR/>आप सबको धन्यवाद <BR/>यूं ही हमेशा अपना सुझाव देते रहें.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5033566294606383407.post-15798993186318151422008-07-01T16:51:00.000+05:302008-07-01T16:51:00.000+05:30अपराजिता जीकविता बहुत ही सुन्दर लगी। काफी दिल से ल...अपराजिता जी<BR/>कविता बहुत ही सुन्दर लगी। काफी दिल से लिखी है। पढ़कर काव्यानन्द की प्राप्ति हुई। बधाईशोभाhttps://www.blogger.com/profile/01880609153671810492noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5033566294606383407.post-90766229269901912232008-07-01T16:49:00.000+05:302008-07-01T16:49:00.000+05:30कभी कभी यह शान्ति श्मसान की शान्ति भी हो जाती है। ...कभी कभी यह शान्ति श्मसान की शान्ति भी हो जाती है। शान्ति सदा अभीष्ट हो आवश्यक नहीं। यह शान्ति उदासीनता भी हो सकती है जो नदी के अस्तित्व पर ही प्रश्नचिन्ह लगा रही हो सकती है।<BR/>घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5033566294606383407.post-17739447072894414352008-07-01T15:15:00.000+05:302008-07-01T15:15:00.000+05:30कभी कभी इस का लिखा उल्टा भी हो जाता है :) अच्छी कव...कभी कभी इस का लिखा उल्टा भी हो जाता है :) अच्छी कविता है <BR/>शायद कभी नहीं सिख सकूँगी<BR/>लेकिन यह तो तय है कि<BR/>जब होगा संगम, तब<BR/>तुम्हारी गहराई में<BR/>विलीन हो जाएगा<BR/>मेरा शोर.<BR/>..खासकर आखरी पंक्तियाँरंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5033566294606383407.post-52837558563427674572008-07-01T14:52:00.000+05:302008-07-01T14:52:00.000+05:30मधुबनी तो बहुत अच्छी बनाई, ऐकदम ध्यानाकर्शक।मधुबनी तो बहुत अच्छी बनाई, ऐकदम ध्यानाकर्शक।सतीश पंचमhttps://www.blogger.com/profile/03801837503329198421noreply@blogger.com